और रंग दे रे भाया, और रंग दे।म्हारी दादी जी ने दाय कोनी आई रे लीलगर, और रंग दे।
जयपुर से मंगाई मां की लाल चुंदड़ी।म्हारी दादी जी ने दाय कोनी आई रे लीलगर, और रंग दे।
चुंदड़ी का चारों पल्ला लाल रंग दे।म्हारी दादी जी ने दाय कोनी आई रे लीलगर, और रंग दे।
चुंदड़ी में सांचा मोती तारा जड़ दे।म्हारी दादी जी ने दाय कोनी आई रे लीलगर, और रंग दे।
अल्ला पल्ला में मोर चार जड़ दे।म्हारी दादी जी ने दाय कोनी आई रे लीलगर, और रंग दे।
भक्ति में रंगाई मां की लाल चुंदड़ी।म्हारी दादी जी ने दाय घणी आई रे लीलगर, और रंग दे।
म्हारी दादी जी ने दाय घणी आई रे लीलगर, और रंग दे।