अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी माँ जगदम्बे, हे जगमाता वरदानी, तेरा ना कोई सानी, पल में बनाती है तू जिन्दगी, अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी मां जगदम्बे।
महिमा तेरे दर की मशहूर है, भक्तों को मिलता यहां नूर है, तेरे दर पे अकबर आया, मेरी माँ सोने का छत्र चढ़ाया, मेरी माँ चरणों मे शीश झुकाकर, माँ तेरी महिमा गाया, करने लगा वो तेरी बन्दगी, अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी मां जगदम्बे ।।
अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी माँ जगदम्बे, हे जगमाता वरदानी, तेरा ना कोई सानी, पल में बनाती है तू जिन्दगी, अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी मां जगदम्बे ॥
ऊँचे पहाड़ों पे तेरा द्वार है, सागर से गहरा माँ तेरा प्यार है, हे मैया शेरावाली, मेरी माँ, भर देती सबकी झोली, मेरी माँ, जो दर पे आए सवाली, जाए ना कभी वो खाली, जिसकी भी जैसी हो मन की लगी, अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी मां जगदम्बे ।।
अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी माँ जगदम्बे, हे जगमाता वरदानी, तेरा ना कोई सानी, पल में बनाती है तू जिन्दगी, अम्बे अम्बे जय माँ अम्बे, महिमा निराली तेरी मां जगदम्बे।