#Love #Life #Fiction #Self-love #Self-respect #Wordpress #Blog कौन कहता है कि तुम्हारा ‘प्रेम’ कमज़ोर है। तुमने हीं तो रचा है आज उसकी जो छवि है, उसमें उसका कुछ भी नहीं है। तुमने सृजन किया है उसका। जब तुम उसका त्याग कर दोगी तो वो पुनः वही साधारण इंसान भीड़ का एक हिस्सा बन कर रह […]