फिर कप्तानी को नियति माना

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एक बार फिर एमएस धोनी की कप्तानी का जलवा देखने को मिलेगा। धोनी को रवींद्र जडेजा के कप्तानी छोड़ने के बाद चेन्नई सुपर किंग की बागडोर सौंपी गई है। यह पहली बार नहीं है कि धोनी ने किसी टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद फिर से यह जिम्मेदारी संभाली हो। धोनी ने साल 2017 की शुरुआत में भारतीय वनडे एवं टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। उस समय वह कुल 199वें वनडे इंटरनेशनल में भारत की कप्तानी कर चुके थे। ऐसे में फैन्स धोनी के इस फैसले से सन्न रह गए थे।

फिर लगभग दो साल बाद सितंबर 2018 में धोनी को बतौर भारतीय कप्तान अपना 200वां वनडे मुकाबला खेलने को मिला। एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ उस मुकाबले में रोहित शर्मा और शिखर धवन को रेस्ट दिया गया था, जिसके चलते धोनी ने कप्तानी की बागडोर संभाली थी। अफगानिस्तान के खिलाफ वह मुकाबला टाई रहा था।

धोनी ने 200वें वनडे में कप्तानी को लेकर कहा था, मैं वास्तव में निश्चित नहीं था कि मैं कहां खड़ा हूं। मैंने 199 एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की है, इसलिए इससे मुझे 200 बनाने का मौका मिला है। यह सब नियति है और मैं हमेशा उस पर विश्वास करता हूं। एमएस धोनी वनडे और टी20 इंटरनेशनल में भारत के सबसे कामयाब कप्तान रहे हैं। उन्होंने भारत के लिए 200 वनडे मैचों में कप्तानी की, जिसमें 110 में जीत और 74 मुकाबलों में टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी। इसके अलावा 11 मुकाबले बेनतीजा रहे और 5 मैच टाई पर छूटे।

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