वैश्विक संस्था एफटीएएफ (Financial Action Task Force, FATF) ने पाकिस्तान को एक बार फिर ग्रे लिस्ट (Grey List) में बरकरार रखा है। एफएटीएफ (FATF) अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान विफल रहा है और इसलिए अभी ग्रे विस्ट में बरकरार रखा गया है।
FATF के इस फैसले से पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। उसके ‘ग्रे लिस्ट’ पर बने रहने का मतलब है कि उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ (IMF) सहित अंतरराष्ट्रीय निकायों से निवेश और सहायता के लिए आर्थिक मदद पाने में मुश्किल आएगी। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में जून, 2018 में डाला गया था.
एफएटीएफ(FATF) – मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली एक वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान बीते तीन साल से इसकी ग्रे लिस्ट में बना हुआ है. इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान में पैसे का इस्तेमाल आतंकियों की फंडिंग के लिए किया जाता है. किसी देश के ग्रे लिस्ट में शामिल होने से उसके विदेशी निवेश के प्रवाह पर प्रभाव पड़ता है, जिससे उस देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचना लाजमी है.
पाकिस्तान सरकार के अनुमान के अनुसार, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल होने से देश को हर साल करीब 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकियों की सूची में जिन लोगों को शामिल किया है, उनमें सबसे ज्यादा लोग इसी देश में रहते हैं. एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे को रोकने में विफल रही है।
पाकिस्तान के लिए एक 27 पॉइंट का एक्शन प्लान तैयार किया गया था. जिसे वह पूरी तरह से लागू करने में विफल रहा है. इस महीने के शुरुआत में एजेंसी ने पाकिस्तान के काम को लेकर अपनी दूसरी रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान सभी मानदंडों पर खरा नहीं उतरा है. एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने 27 पॉइंट वाले एक्शन प्लान के 26 पॉइंट पर काम किया, लेकिन एक अहम बिंदु जिसपर पर उसे अभी काम करने की जरूरत है, वह है संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकी समूहों के बड़े दहशतगर्दों के खिलाफ जांच और सजा देना। इस वजह से अभी पाकिस्तान को सख्त निगरानी में रखा गया है।
जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया अजहर मसूद, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक और इसका ऑपरेशनल कमांडर जकिउर रहमान लखवी, जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों को आज भी पाकिस्तान में वीआईपी ट्रीटमेंट (VIP Treatment) दिया जा रहा है। ये तीनों बड़े आतंकवादी संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी आतंकियों की लिस्ट में तो हैं ही भारत के लिए भी मोस्ट वांटेड हैं। ये आतंकी 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के अलावा, जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में हुई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।