गुमला: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती के अवसर पर जिला प्रशासन गुमला एवं ध्वनि लाईट ग्रूप के संयुक्त तत्वावधान में 23 जनवरी 2020 गुरूवार को शाम नगर भवन गुमला में कवि सम्मेलन (एक शाम राष्ट्र के नाम) का आयोजन किया गया.
नगर भवन में उपायुक्त गुमला शशि रंजन, सहायक समाहर्त्ता मनीष कुमार, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी देवेंद्रनाथ भादुड़ी सहित शायर नेहाल सरियावी, शायरा सदब इकबाल, शायर कमर गयावी, कवियत्री शालिनी नायक एवं रेणु मिश्रा तथा कवि सदानन्द सिंह यादव एवं सुनील सिंह बादल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कवि सम्मेलन का उद्घाटन किया.
कवि सम्मेलन में पटना, रांची एवं गुमला के कवि/शायरों ने राष्ट्र भक्ति, वीर रस, श्रृंगार रस एवं हास्य-व्यंग पर आधारित कविता एवं गजलों से श्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया. कवि सम्मेलन की शुरूआत स्थानीय शिक्षक सह कवि स्वपन कुमार राय ने स्वरचित देशभक्ति गीत से किया. उन्होंने अपने गीत में हिन्दू-मुस्लिम, एकता एवं देश की अखंडता की भावनाओं पर कौमी तराना पेश किया.
रांची की कवियत्री शालिनी नायक ने मंदिर-मस्जिद विवाद को सियासती दाव बतलाते हुए अपनी कविता “हो दर शिवाला हो गिरजा या कि मस्जिद का दुआ मिली है सदा मुझको सर झुकाने से” का पाठ कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी.
वहीं दूसरी ओर शालिनी ने “तेरे बगैर जीएंगे तो जिंदगी क्या है शरीख तू ही नहीं जिसमें व खुशी क्या है” गज़ल गाकर श्रोताओं की ताली बटोरी.
स्थानीय कवि हरिशंकर मिश्रा ने “ये दुनिया है साहब यहां सबकुछ चलता है केसरिया हिन्दू तो हरा रंग मुस्लमां हो गया है तिरंगा भी बट जाए तो दिल को बहुत खलता है” सुनाकर कौमी एकता का आह्वान किया.
कवियत्री सह शायरा रेणु त्रिवेदी मिश्रा ने “होंगे कुर्बान तिरंगे पर हमको अभिमान तिरंगे पर” कविता का पाठ किया और “अनकही सी रहती है दिल में एक हसरत है आपको बताना है आपसे मोहब्बत है” गजल प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित पटना से गुमला आई शायरा सदब इकबाल ने “न लड़ना चाहते हैं और न बंटना गवारा है मगर कुछ सरफिरों को सियासत बहुत प्यारा है” प्रस्तुत किया. वहीं दूसरी ओर नारी को अबला कहकर युग-युग से दबाने कुचलने की मानसिकता पर कुठाराघात करते हुए “उठो सदब आगे बढ़ो एक इम्तिहान के लिए सीता सावित्री राधा भी यहां इम्तिहान के दौर से गुजरीं” प्रस्तुत कर नगर भवन को पूरी तरह से नारी अत्याचार के प्रति संवेदनशील कर दिया.
रांची से आए कवि सदानन्द ने “आज तिरंगा लहराता है अपनी पूरी शान से हमें मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से” तथा सुनील सिंह बादल ने शहीद सैनिक हेमराज की कुर्बानी पर कविता प्रस्तुत किया.
गुमला के चर्चित शायर कमर गयावी ने “अपने ये मुल्क की ये शान न जाने देंगे कह दो गद्दारों से तिरंगे की पहचान न जाने देंगे” गाकर दर्शकों एवं श्रोताओं को भावविभोर कर दिया. वहीं दूसरी ओर मंच संचालक नेहाल सरियावी ने बीच-बीच में अपनी शेर-ओ-शायकी से कवि सम्मेलन में चार चांद लगा दिया.
कवि सम्मेलन में उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्त्ता, सहायक समाहर्त्ता, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी ने बारी-बारी से आमंत्रित कवि एवं शायरों को शॉल ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
कार्यक्रम के संयोजक बलदेव शर्मा, मुर्ली मनोहर प्रसाद एवं प्रेमहरि ने आगत अतिथियों एवं कवियों का गर्मजोशी से स्वागत किया तथा कवि सम्मेलन को सफल बनाने में सहयोग के लिए सभी गणमान्य नागरिकों एवं अधिकारियों को धन्यवाद दिया.