उठ जाग चलो फिर से, हमें देश बचाना है,
भारतमाता का यूं, हमें फर्ज निभाना है।
ये देश है वीरों का, हमें शान से चलना है,
उनके बलिदानों का, हमें कर्ज चुकाना है।
ना समझो कि हम अब भी, आज़ाद हैं बिल्कुल ही,
खतरे में है सभ्यता, हमें राष्ट्र बचाना है।
जंजीरों में है माता, रो रही छुड़ाना है,
हम बेटे हैं बस उसके, माता को बचाना है।
अंग्रेजियत हावी, दुनिया की नज़र अब भी,
माता चिघाड़ रही, कह रही तुम्हें लड़ना है।
उठ जाग चलो फिर से, हमें देश बचाना है,
भारतमाता का यूं, हमें फर्ज निभाना है।