स्वदेशी अधिकारों की मान्यता पर जनमत संग्रह का ऑस्ट्रेलिया का वादा

सिडनी, 10 जुलाई (आईएएनएस)| ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बुधवार को स्वदेशी लोगों के अधिकारों को मान्यता प्रदान करने हेतु संविधान में संशोधन कराने के लिए जनमत संग्रह कराने का वादा किया है। राष्ट्रीय प्रेस क्लब में स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई मंत्री केन व्याट ने कहा, “यह मतदान तीन साल के अंदर ही होगा।”

एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री का पदभार संभालने वाले पहले स्वदेशी व्यक्ति व्याट ने कहा, “मैं संवैधानिक मान्यता के लिए एक आम सहमति का विकास करूंगा और उसे आगे लाऊंगा ताकि वर्तमान संसदीय कार्यकाल के दौरान जनमत संग्रह कराया जा सके।”

आस्ट्रेलियाई संविधान, जो 1901 में लागू हुआ, उसमें वहां के स्वदेशी आदिवासी या टोरेस स्ट्रेट द्वीप समूह में रहने वाली जनसंख्या का कोई जिक्र ही नहीं है जिसने भेदभाव का सामना करने वाले इन अल्पसंख्यकों को प्रभावित किया है।

मई 2017 में आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट द्वीप समूह में रहने वाली जनसंख्या के करीब 300 प्रतिनिधियों ने एक स्वदेशी सलाहकार निकाय के माध्यम से संवैधानिक रूप से गारंटीकृत राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए हस्ताक्षर किए थे।

प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन की नेतृत्व वाली सरकार ने आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट द्वीप समूह में रहने वाली जनसंख्या की शिकायतों को सुनने की अपनी इच्छा व्यक्त की है।

वर्तमान समय में, ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या 2.2 करोड़ है जिसमें से इन आदिवासियों की संख्या 3 प्रतिशत है और इनमें से अधिकतर सुदूर या आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से पिछड़े इलाकों में रहते हैं, उनकी प्रति व्यक्ति घरेलू आय मुश्किल से राष्ट्रीय औसत का 62 प्रतिशत है।