जीएम के कहने से डीएसओ ने किसानों के गन्ना बेचने पर लगाया प्रतिबंध

जीएम के कहने से डीएसओ ने किसानों के गन्ना बेचने पर लगाया प्रतिबंध

बदायूं के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह गन्ना किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कड़े कदम उठा चुके हैं। बेईमानी और भ्रष्टाचार की घटनायें संज्ञान में आने पर डीएम टीम तैनात कर चुके हैं, जो यदु सुगर मिल पर निरंतर ड्यूटी देती है लेकिन, जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन वेतन सरकार से लेते हैं पर, आदेश यदु सुगर मिल के मुख्य महा प्रबंधक का मानते हैं, जिसकी जिले भर में चर्चा है।

जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन को बिसौली स्थित यदु सुगर मिल के मुख्य महा प्रबंधक (गन्ना) द्वारा अवगत कराया गया कि 1 जनवरी 2019 को क्रय केन्द्र गुलडिया तृतीय पर दुर्विजय सिंह पुत्र छोटे सिंह निवासी नगर पंचायत गुलड़िया तथा 4 जनवरी 2019 को क्रय केन्द्र आमगाँव तृतीय पर अंकित राठौर पुत्र कृष्णवीर सिंह व कुनार द्वितीय पर वीर पाल सिंह पुत्र हुकुम सिंह व उनके दो पुत्रों विपिन और अरविंद निवासी ग्राम बरातेगदार द्वारा मिल कर्मियों के साथ गाली-गलौच एवं मारपीट की गई, इस पर उन्होंने सट्टा बन्द किये जाने का अनुरोध किया। मुख्य महा प्रबंधक के कहने पर रामकिशन ने विशेष सचिव सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड को संबंधित किसानों के सट्टे बंद करने के तत्काल निर्देश दे दिये।

जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन ने किसानों का पक्ष जानने का भी प्रयास नहीं किया। जैसा मुख्य महा प्रबंधक ने कहा, वैसा न सिर्फ मान लिया बल्कि, उसका अक्षरशः पालन भी किया। अगर, वारदात हुई है तो, वह अपराध की श्रेणी में आती है, जिसको लेकर कथित पीड़ित कर्मचारी संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज करा सकते थे, उस पर पुलिस जाँच के बाद कार्रवाई करती, ऐसा करने की जगह मुख्य महा प्रबंधक और जिला गन्ना अधिकारी स्वयं ही न्यायालय बन गये और सीधा आदेश पारित कर किसानों को दंड दे दिया।

किसान की फसल एक व्यक्ति की नहीं होती, वह न सिर्फ परिवार की बल्कि, पूरे समाज की होती है। फसल का हिस्सा बहुत सारे लोगों को स्वतः ही जाता है। परिवार की ही बात करें तो, फसल से परिवार के हर सदस्य के सपने जुड़े होते हैं, कोई फसल उठने के बाद कपड़े खरीदना चाहता है, कोई घूमना चाहता है, कोई बीमारी का उपचार कराना चाहता है, कोई विवाह करना चाहता है, हर कोई कुछ न कुछ करना चाहता है, ऐसे में मुख्य महा प्रबंधक और जिला गन्ना अधिकारी को यह अधिकार किसने दे दिया कि वह किसान की फसल बेचने पर ही प्रतिबंध लगा दें।

भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली को सर्वश्रेष्ठ इसलिए कहा जाता है कि यहाँ सब जनता के सेवक हैं पर, लोकतांत्रिक प्रणाली कहने भर को ही है। असलियत में देश में अफसरशाही चल रही है। व्यवस्था जनसेवा के लिए बनाई गई थी लेकिन, व्यवस्था में जुटाये गये लोग स्वयं को तानाशाह समझने लगे हैं तभी, मनमानी करते नजर आ रहे हैं। फसल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के वाले मुख्य महा प्रबंधक और जिला गन्ना अधिकारी के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई होना चाहिए ताकि, भविष्य में कोई और ऐसी मनमानी करने का दुस्साहस न कर सके।

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