भागलपुर के लोग पक्षियों के भक्षक से बन रहे रक्षक, रामायण में गरुड़ का है विशेष महत्व

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भागलपुर: भारतवर्ष के अयोध्या में रामलला का पदार्पण हुआ है। उसी कड़ी में आज आपको राम सलाम के बीच पक्षी राज गरुड़ के दुआ की बात बताता हूँ। यहां आप रामराज्य की कल्पना और परिकल्पना भी कर सकते हैं। रामायण में एक प्रसंग है कि राम जी के वनवास के दौरान सीता जी का रावण के द्वारा हरण हुआ।

रावण का पुष्पक विमान जब छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य से गुजर रहा था तो माता सीता के बचाओ की आवाज गरुड़राज जटायु के कानों में पड़ी। गरुड़राज जटायु ने रावण को ललकारते हुए रास्ता रोक लिया। सीता जी को बचाने के लिए जटायु और रावण के बीच संषर्घ भी हुआ। लेकिन रावण ने तलवार से जटायु के पंख काट दिए। रावण सीता को लेकर लंका की तरफ रवाना हो गया। रावण ने ही सीता का हरण किया था, उसका प्रमाण घायल जटायु ने ही राम जी बताया। सतयुग के बाद जब भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में राम के रूप में अवतार लिया, तो विष्णु के वाहन गरुड़ ने भगवान राम और लक्ष्मण को नाग अस्त्र के दुष्प्रभाव से लंका में युद्ध के दौरान बचाया था। प्रसंग है कि रावण से युद्ध के दौरान रावणपुत्र द्वारा नागस्त्र चलाया गया था।

रावण के पुत्र ने भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण पर नागस्त्र (नाग का घातक फंदा) का उपयोग किया था। नागस्त्र के प्रभाव से भगवान राम और लक्ष्मण दोनों मूर्छित हो गये थे। नागस्त्र के प्रभाव को दूर करने के लिए, गरुड़ (पक्षियों के राजा और भगवान विष्णु की सवारी) युद्ध के मैदान में आए। वहां राम और लक्ष्मण बेहोश पड़े थे। चूंकि गरुड़ सभी नागों ( सांपों ) का कट्टर शत्रु होता है। अत: उसके आते ही नागपाश, नागअस्त्र का प्रभाव ढीला पड़ने लगा। धीरे-धीरे भगवान राम और लक्ष्मण घातक नागस्त्र के प्रभाव पर काबू पा सके।

ये कहानी आपने सुनी होगी। लेकिन अब इसकी चर्चा इसलिए है कि 22 जनवरी 2024 को रामलला अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं। अयोध्या के मुख्य द्वार पर गरुड़राज की बड़ी सी प्रतिमा स्थापित की गई है। लेकिन आज आपको द्वापर और त्रेता युग के बाद कलयुग में गरुड़ महाराज के वंशज का दर्शन बिहार के भागलपुर से करा रहे हैं।

भागलपुर के सुंदरवन में एशिया का सबसे बड़ा और इकलौता सरकारी गरुड़ रेस्क्यू सेंटर चल रहा है। देखरेख करने वाले मीरशिकार मोहम्मद अख्तर अब रक्षक बने हुए हैं। सलीम अली और असद रहमानी ने भक्षक से रक्षक बना दिया। अख़्तर बताते हैं कि जब से भागलपुर के गंगा और कोशी नदी इलाके में गरुड़ पक्षी का प्रजनन शुरू हुआ, वंश वृद्धि हुई तो, इलाके की तरक्की में चार चांद लग गया है। सड़कों का जाल बिछ गया, नदियों पर पूल और फोरलेन बन गया। किसानों को उनके उपज की वाजिब क़ीमत मिलने लगी। आमदनी बढ़ी तो जीवन में खुशहाली और सुकून मिला। रामराज्य शायद यही है।

भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता के प्राण रक्षा में समर्पित गरुड़ की दुआ को आप बिहार के भागलपुर से देख सकते हैं। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और आईयूसीएन के बड़े बड़े रिसर्चर अगर भागलपुर पहुंच रहे हैं तो इकोलॉजिकल संतुलन के साथ साथ इको टूरिज्म को बढ़ावा भी मिला है। गरुड़ प्रजनन वाले इलाके के लोग गुरुकृपा के बदौलत नास्तिक से आस्तिक की तरफ होने लगे हैं।


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Shailesh Kumar

My name is Shailesh and I am a graduate working for VOB. I have been updating news on website from more than three years.

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