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BiG News – भारत की जबरदस्त कूटनीतिक उपलब्धि जैश सरगना मसूद अजहर वैश्विक आंतकी घोषित, UN ने आतंकियों की ब्लैक लिस्ट में किया शामिल

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#भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, UN ने मसूद को घोषित किया अंतरराष्ट्रीय आतंकी

#बार-बार पाकिस्तान के समर्थन में आने वाले चीन ने इस बार ‘दोस्त’ को दिया झटका

#UN में भारत के राजदूत ने ट्वीट कर सभी का समर्थन के लिए आभार जताया

#पिछले 10 वर्षों में पुलवामा हमले के गुनहगार के खिलाफ चार कोशिशें नाकाम हुई थीं।

पटना Live डेस्क। भारत सरकार आखिरकार लंबे इंतजार के बाद बेहद बड़ी कुटनीतिक सफलता मिली है।आतंकवाद के मोर्चे पर भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना  मौलाना मसूद अज़हर कोअंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। इससे पहले चीन ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत मसूद को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव से अपने कदम पीछे खींच लिए जबकि अबतक वह बार-बार अड़ंगा लगा रहा था।

UN में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट कर कहा कि इस फैसले में छोटे, बड़े सभी साथ आए और मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया। गौरतलब है कि मसूद के आतंकी संगठन ने ही पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। क्या चीन ने अपना स्टैंड वापस ले लिया, यह पूछे जाने पर अकबरूद्दीन ने कहा, ‘हां, डन।’

चीन ने ‘दोस्त’ को दे दिया झटका

इस मामले में पड़ोसी मुल्क चीन बार-बार भारत के प्रयासों में अड़ंगा लगा रहा था। दरअसल, वह अपने सदाबहार मित्र पाकिस्तान को इस मामले में कवर कर रहा था। गौर करने वाली बात यह है कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी। ऐसे में चीन का यह रुख अपने आपमें पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।

10 साल में चार बार कोशिश नाकाम
अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की पिछले 10 साल में चार बार कोशिश हो चुकी थी। सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा था। फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा। इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा। इन सभी मौकों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोक दिया था। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश सरगना अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में भी वीटो लगा दिया था।

फ्रांस ने किया स्वागत
फ्रांस सरकार ने मसूद को UNSC 1267 प्रतिबंध समिति के द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। एक बयान में फ्रांस ने कहा, ‘फ्रेंच कूटनीति लगातार अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रयास कर रही थी खासतौर से फरवरी में पुलवामा हमले के बाद। फ्रांस ने 15 मार्च को मसूद अजहर के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिबंध लगाया था।’

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