ख़बरे अभी तक। भारतीय टीम को 2 वर्ल्ड कप जीत वाले ‘हीरो’ युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. खराब फॉर्म और फिटनेस के कारण वह भारतीय टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे थे और इस साल आईपीएल युवराज ने मुंबई इंडियंस की ओर से खेला. लेकिन वहां भी उन्हें अधिक मौके नहीं मिले.लेकिन युवराज सिंह को केवल 2019 का वर्ल्ड कप खेलने की ख्वाहिश थी. लेकिन खराब फॉर्म और फिटनेस के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया. जिस कारण वह संन्यास लेने को मजबुर हुए.
युवराज सिंह काफी लंबे समय से भारतीय टीम का हिस्सा नही थे .युवराज ने अपना अंतिम टेस्ट साल 2012 में खेला था. सीमित ओवरों के क्रिकेट में वह अंतिम बार 2017 में दिखे थे.जानकारी के मुताबिक युवराज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद आईसीसी से मान्यता प्राप्त विदेशी टी-20 लीग में फ्रीलांस क्रिकेटर के रूप में खेलना चाहते हैं.
इन सभी कारणो के कारण युवराज सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला लिया. मुंबई के साउथ होटल में प्रेस कांफ्रेंस कर इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. युवराज ने कहा कि ‘मैंने अपने पिता के सपना को पूरा करने की कोशिश की और मैंने कभी किसी चुनौती के आगे हार नहीं मानी चाहे वो क्रिकेट का मैच रहा हो या फिर कैंसर जैसी बीमारी’. अपने क्रिकेट करियर को याद करते हुए युवराज ने कहा कि, ‘अपने 25 साल के करियर और खास तौर पर 17 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे. अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है. इस खेल ने मुझे सिखाया कि कैसे लड़ना है, गिरना है, फिर उठना है और आगे बढ़ जाना है.’
37 वर्षीय युवराज सिंह ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला और आखिरी टी-20 मैच 1 फरवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला. जबकि आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला था. युवराज ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच खेले है टेस्ट में युवराज ने तीन शतकों और 11 अर्धशतकों की मदद से कुल 1900 रन बनाए है जबकि वनडे में उन्होंने 14 शतकों और 52 अर्धशतकों की मदद से 8701 रन बनाए है और युवराज ने 2008 के बाद कुल 231 टी-20 मैच खेले हैं और 4857 रन बनाए हैं. साथ ही उन्होंने 80 विकेट भी लिए हैं.
भारत को 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीताने वाले ‘हिरो’ के तौर पर जाना जाता है. 2007 हो या 2011 दोनो वर्ल्ड कप में ऑलराउंडर प्रदर्शन कर भारत को विश्व विजेता वनाया था. 2007 टी20 वर्ल्ड कप में स्टुअर्ट ब्रॉड के 6 गेंदो पर 6 छक्के आप को ध्यान ही होगा. और 2011 वर्ल्ड कप में कैंसर जैसी बीमारी का परवाह न करते हुए भारत को विजेता बनाया और ‘क्रिकेट के भगवान’ सचिन का सपना पुरा किया था.